भारतीय किसानों की उम्मीदों को चट करने वाली टिड्डियों को पाकिस्तान में चटखारे लेकर खा रहे हैं लोग

 भारत में किसानों की फसलों को चट करने वाली टिडि्डयों को ही चट करने का काम पाक के सिंध सूबे के छाछरों के रेस्तरां मालिक कर रहे हैं। पाक के छाछरो क्षेत्र में अब रेस्तरां टिड्डियों से बनी बिरयानी और करी व्यंजन बेच रहे हैं। यही टिड्डी भारत की खेती तबाह करने में लंबे वक्त से लगी हुई हैं। पाकिस्तान के थारपारकर के निवासियों ने टिड्डियों के हमलों से निपटने का नया तरीका ईजाद किया है। वहां के रेस्तराओं पर इन दिनों मकड़ बिरयानी खाने के लिए बहुत से लोग जा रहे हैं, इसकी एक प्लेट के तीन सौ रुपए में बेच रहे हैं। वहां के लोगों का मानना है कि मकड़ में पौष्टिकता अधिक है। 



रेस्त्रां में परोसी जा रही है मकड़ बिरयानी
पिछले चार माह से टिड्डियों ने भारत में हजारों हेक्टेयर में खड़ी किसानों की फसलों को चट कर दिया था। पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले टिड्‌डी दल ने बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर सहित अन्य जिलों में किसानों की फसलों को चट कर दिया। इसके बाद टिड्‌डी नियंत्रण के लिए यूएनओ, एफएओ की मौजूदगी में भारत-पाक के साथ खोखरापार में बैठक की। इसके बाद भी टिड्डी दल पर नियंत्रण करने में दोनों देशों की सरकारें रही, लेकिन सिंध के छाछरों सहित आस पास के रेस्तरां मालिकों ने टिड्‌डी को ही चट करने का नया तरीका इजाद किया है। वहां हर रेस्तरां पर आसानी से टिड्‌डी से बने व्यंजन जिसे मकड़ बिरयानी कहा जाता है, सहजता से मिल रही है। इसके लिए एक प्लेट की रेट तीन सौ रुपए निर्धारित की गई है।


लंबे समय तक खराब नहीं होती टिड्‌डी
ऐसा बताया जाता है कि टिड्‌डी दल को पकड़ कर उसे फ्राई किया जाता है, उसके बाद उसकी बिरयानी, करी सहित अन्य दर्जन भर व्यंजन बनाए जाते हैं। जानकारों का मानना है कि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, फ्राई करने के लिए घी या तेल की आवश्कता नहीं होती है। यह काफी समय तक खराब भी नहीं होती है।


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