रसोई गैस जलाते वक्त जरा-सी लापरवाही ने घर में 7 लोगों की जान को मुसीबत में डाल दिया। मंगलवार को पोलोविक्ट्री के पास गैस जलाकर दिखा रहे हॉकर ने रेग्यूलेटर लगाया। चूल्हे को बटन ऑन किया और लाइटर दबाने लगा। कई बार लाइटर दबाने पर भी गैस नहीं जली। हॉकर ने चूल्हे का बटन बंद नहीं किया। चूल्हे से गैस निकलती रही। लाइटर से नहीं जली तो हॉकर ने माचिस मांगी। जैसे ही तिली जलाई... तेज धमाका हुआ और आग का गुबार एकसाथ पूरी रसोई और उसके बाहर तक फैल गया। रसोई में मौजूद दो महिलाएं तथा खुद हॉकर तथा रसोई के बाहर खेल रही दो बच्चियां आग की लपटों के चपेट में आ गईं। लीक गैस एक भभके में जलने के बाद गैस सामान्य रूप से जलने लगी। सिलेंडर में आग नहीं लगी। हादसे के बाद सभी झुलसे लोगों को एसएमएस अस्पताल में के बर्न वाॅर्ड में भर्ती कराया गया।
डॉक्टरों के मुताबिक सभी लोग 6 से 15 प्रतिशत तक जले हैं। ज्यादा घबराने वाली बात तो नहीं है, मगर छोटे बच्चों को ज्यादा केयर चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक सभी को 24 घंटे ऑब्जर्वेशन के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे पोलोविक्ट्री के पास हाथी बाबू का हत्था कॉलोनी में मंजूदेवी के घर में हॉकर राजेन्द्र सिंह सिलेंडर लाया था। राजेन्द्र के साथ मंजू देवी (55), मीनाक्षी (35), तानिया (7) और प्रिया (2) झुलसे हैं। पड़ोसी उन्हें अस्पताल लेकर गए। घायलों के बयान दर्ज किए हैं।
ये चूक भारी पड़ गई
डिलीवरी मैन राजेन्द्र सिंह ने गैस सिलेंडर में रेगुलेटर तो सही लगाया। लेकिन लाइटर से चूल्हा नहीं जलने पर ना तो उसने चूल्हे के बटन बंद किया और ना ही रेगुलेटर का स्विच बंद किया। गैस निकलती रही और उनसे माचिस जला दी। इस बीच दो से तीन मिनट का समय गुजर गया और गैस का रिसाव होता रहा। गैस की गंध पूरी रसोई में फैल गई फिर भी वह खतरे काे भांप नहीं सका और माचिस जला दी। एकदम आग का गुबार (भभका) उठा जिसने सब को चपेट में ले लिया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में परिजनों की ओर से कोई पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
परिजनों का आरोप सिलेंडर में थी कमी
मंजू देवी के देवर जुगल किशोर शर्मा ने बताया- हमारी रसोई गैस का पाइप, रेगुलेटर, चूल्हा व लाइटर सही हैं। सिलेंडर ही खराब था। उसका वॉल सिस्टम अटक रहा था। जिसे दाे बार डिलीवरी मैन ने सही किया। फिर भी चूल्हा नहीं जला तो वह गैस पाइप के पास जली हुई तिल्ली लेकर आया, तभी तेज धमाके के साथ आग का गुबार निकला। चौक में बैठी बच्चियां भी उसकी चपेट में आ गईं। घटना के बाद दोपहर को गैस कंपनी की टीम आई थी। उन्होंने भी पाइप, रेगुलेटर व चूल्हे को सही बताया।